Jhansi Ki Rani (Hörbuch (Download))
(Sprache: Hindi)
'झाँसी की रानी' महाश्वेता देवी की प्रथम रचना है। स्वयं उन्हीं के शब्दों में, 'इसी को लिखने के बाद मैं समझ पाई कि मैं एक कथाकार बनूँगी।' इस उपन्यास को लिखने के लिए महाश्वेता जी ने अथक अध्ययन किया और झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के विषय में व्याप्त तरह-तरह की...
sofort als Download lieferbar
Hörbuch (Download)
9.99 €
- Lastschrift, Kreditkarte, Paypal, Rechnung
- Kostenloser tolino webreader
Produktdetails
Produktinformationen zu „Jhansi Ki Rani (Hörbuch (Download))“
'झाँसी की रानी' महाश्वेता देवी की प्रथम रचना है। स्वयं उन्हीं के शब्दों में, 'इसी को लिखने के बाद मैं समझ पाई कि मैं एक कथाकार बनूँगी।' इस उपन्यास को लिखने के लिए महाश्वेता जी ने अथक अध्ययन किया और झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के विषय में व्याप्त तरह-तरह की किंवदन्तियों के घटाटोप को पार कर तथ्यों और प्रामाणिक सूचनाओं पर आधारित एक जीवनीपरक उपन्यास की तलाश की। इस पुस्तक को महाश्वेता जी ने कलकत्ता में बैठकर नहीं, बल्कि सागर, जबलपुर, पूना, इन्दौर-ललितपुर के जंगलों, झाँसी, ग्वालियर, कालपी में घटित तमाम घटनाओं यानी 1857-58 में इतिहास के मंच पर जो हुआ, उस सबके साथ-साथ चलते हुए लिखा। अपनी नायिका के अलावा लेखिका ने क्रान्ति के बाकी तमाम अग्रदूतों, और यहाँ तक कि अंग्रेज अफसरों तक के साथ न्याय करने का प्रयास किया है। इस कृति में तमाम ऐसी सामग्री का पहली बार उद्घाटन किया गया है जिससे हिन्दी के पाठक सामान्यतः परिचित नहीं हैं। झाँसी की रानी पर अब तक लिखी गईं अन्य औपन्यासिक रचनाओं से यह उपन्यास इस अर्थ में भी अलग है कि इसमें कथा का प्रवाह कल्पना के सहारे नहीं बल्कि तथ्यों और दस्तावेजों के सहारे निर्मित किया गया है, जिसके कारण यह उपन्यास जीवनी के साथ-साथ इतिहास का आनन्द भी प्रदान करता है।
Bibliographische Angaben
- Autor: Mahashweta Devi
- 2018, ungekürzte Lesung, Spieldauer: 648 Minuten
- Verlag: Storyside IN
- ISBN-10: 9352843770
- ISBN-13: 9789352843770
- Erscheinungsdatum: 24.05.2018
Hörbuch-Download Informationen
- Dateiformat: MP3
- Größe: 401 MB
- Anzahl Tracks: 5
- Ohne Kopierschutz
Sprache:
Hindi
Hörprobe
![](https://i.weltbild.de/p/jhansi-ki-rani-379847374.jpg?v=1&wp=_giftcard-thumb)
Jhansi Ki Rani
Family Sharing
eBooks und Audiobooks (Hörbuch-Downloads) mit der Familie teilen und gemeinsam genießen. Mehr Infos hier.
Kommentar zu "Jhansi Ki Rani"
Schreiben Sie einen Kommentar zu "Jhansi Ki Rani".
Kommentar verfassen